मंगलवार, 22 जून 2010

बारमेर न्यूज़ track


बाड़मेर श्मशान में बजी शहनाई, कौशल्या बनी दुल्‍हन
राजस्‍थान के बाड़मेर स्थित मोक्षधाम श्मशान में सोमवार को शहनाई की धुन के साथ मंगल गीतों की गूंज के बीच स्मृति बगीचे में सजा मंडप। घोड़ी पर सवार दुल्हा बारातियों के साथ पहुंचा तो वधू पक्ष के लोगों ने स्वागत में पलक-पांवड़े बिछा दिए। यह नजारा कौशल्या के शादी समारोह का था। शाम को शुभ मुर्हूत में कौशल्या ने रेवंत के साथ अग्नि को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए।श्मशान घाट मोखी नंबर आठ में महिला चौकीदार लीलादेवी की पुत्री कौशल्या का विवाह सोमवार को श्मशान परिसर में धूमधाम से हुआ। इस अनूठे विवाह समारोह को देखने लोगों की भीड़ उमड़ी। सोमवार को सांय पांच बजे समदड़ी निवासी खेमाराम गुसर के पुत्र रेवंत की बारात शमशान घाट पहुंची, जहां गाजे-बाजे के साथ बारातियों का स्वागत किया गया। दुधिया रोशनी से श्मशान घाट जगमगा रहा था। दुल्हा घोड़ी पर सवार होकर बारातियों के साथ मंडप स्थल पहुंचा, जहां शुभ मुर्हुत में कौशल्या ने उसके साथ सात फेरे लगाए। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ युवाओं ने जमकर नृत्य किया। महिलाओं ने मंगल गीत गाकर शादी की रस्में अदा कीं। देर रात तक चले शादी समारोह में बारातियों ने सहभोज का भरपूर आनंद लिया।

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