जयपुर। गुर्जर आरक्षण मामला- सीएस और डीजीपी को हाईकोर्ट की फटकार, कहा, रेलवे ट्रैक और रोड खाली चाहिए
जयपुर। गुर्जर आरक्षण आंदोलन मामले में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव सीएस राजन, डीजीपी मनोज भट्ट और कोटा डीआरएम पेश हुए। हाईकोर्ट ने डीजीपी और सीएस को कड़ी फटकार लगाते हुए अब तक की कार्रवाई के बारे में कल शपथपत्र मांगा है।

जस्टिस आर. एस. राठौड़ की बैंच ने दोनों अधिकारियों से कहा कि मामले में सचिवालय में महज समीक्षा ही हो रही है या फील्ड में भी जाकर कुछ कर रहे हो। वहीं कोर्ट ने दोनों अफसरों से पूछा कि मामले में अब तक कानून व्यवस्था सहेजने के लिए क्या कदम उठाए गए।
जवाब में अफसरों ने कहा कि मसले के समाधान के लिए वार्ताओं का दौर जारी है। गुर्जर नेताओं के घरों पर कोर्ट के नोटिस चस्पा दिए गए हैं। सुनवाई के दौरान कर्नल बैसला और गुर्जर समाज की और से कुछ गुर्जर अधिकवक्ताओं ने पक्ष रखने की पेशकस की, लेकिन कोर्ट ने उनका जवाब सुनने से मना कर दिया।
-राजस्थान सरकार ने बैंसला को लिखा पत्र।
-पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के अपने संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन 21 प्रतिशत के अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना सामाजिक समरसता के प्रतिकूल होगा।
-संविधान की धारा 16 (4) ए व 16 (4) बी के प्रावधानों के अनुसार 50 प्रतिशत के आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करते हुए भी आरक्षण दिया जा सकता है।
-पुनः सचिवालय में पांच बजे वार्ता होगी।
जयपुर। गुर्जर आरक्षण आंदोलन मामले में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव सीएस राजन, डीजीपी मनोज भट्ट और कोटा डीआरएम पेश हुए। हाईकोर्ट ने डीजीपी और सीएस को कड़ी फटकार लगाते हुए अब तक की कार्रवाई के बारे में कल शपथपत्र मांगा है।

जस्टिस आर. एस. राठौड़ की बैंच ने दोनों अधिकारियों से कहा कि मामले में सचिवालय में महज समीक्षा ही हो रही है या फील्ड में भी जाकर कुछ कर रहे हो। वहीं कोर्ट ने दोनों अफसरों से पूछा कि मामले में अब तक कानून व्यवस्था सहेजने के लिए क्या कदम उठाए गए।
जवाब में अफसरों ने कहा कि मसले के समाधान के लिए वार्ताओं का दौर जारी है। गुर्जर नेताओं के घरों पर कोर्ट के नोटिस चस्पा दिए गए हैं। सुनवाई के दौरान कर्नल बैसला और गुर्जर समाज की और से कुछ गुर्जर अधिकवक्ताओं ने पक्ष रखने की पेशकस की, लेकिन कोर्ट ने उनका जवाब सुनने से मना कर दिया।
-राजस्थान सरकार ने बैंसला को लिखा पत्र।
-पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के अपने संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन 21 प्रतिशत के अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में से 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना सामाजिक समरसता के प्रतिकूल होगा।
-संविधान की धारा 16 (4) ए व 16 (4) बी के प्रावधानों के अनुसार 50 प्रतिशत के आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करते हुए भी आरक्षण दिया जा सकता है।
-पुनः सचिवालय में पांच बजे वार्ता होगी।
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