गुरुवार, 28 मई 2015

जयपुर।जानें क्यों खास बन गया एक सामुहिक विवाह

जयपुर।जानें क्यों खास बन गया एक सामुहिक विवाह


जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के राज्य महिला सदन में आज 22 बेटियां शादी के बंधन में बंधी आज दोपहर 12 बजे आयोजित हुआ यह विवाह कार्यक्रम पूरे पारंपरिक विधि विधान के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर राज्य महिला सदन की 22 बेटियों ने एक नई जिंदगी की शुरूआत की। लेकिन इन 22 बेटियों में एक बेटी है खुशी, खुशी ने अपना हमसफर एक ऐसे इंसान को चुना है जो नेत्रहीन है। खुशी को उसके माता-पिता 7 साल की उम्र में रेलवे स्टेशन पर अनाथ की तरह छोड़ गए थे जिसके बाद खुशी महिला सदन पहुंची।खुशी ने अपने कई साल महिला सदन में एक गुमनामी भरी जिंदगी बिताई और जब उसके ​जीवन में उजाले की खुशी आई तो इस बेटी ने एक ऐसा हमसफर चुना जो नेत्रहीन था। खुशी का हमसफर पेशे से अध्यापक है।

learn-why-a-collective-marriage-function-becomes-special-13204

महिला सदन में आयोजित हुए इस शादी समारोह में पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का भी ध्यान रखा गया। महिला सदन की सहायक निदेशक श्रद्धा गौतम ने बताया कि जब यहां विवाह के ​आवेदन आए थे तो आवेदन में हमने उनके घर पर शौचालय की भी जानकारी मांगी थी। जिसके बाद कुछ आवेदनकर्ताओं ने कहा कि हमारे घर पर शौचालय नहीं है। ऐसे में हमने सबसे पहले उन्हें शौचालय बनाने को कहा और उसके बाद उनके आवेदन ​स्वीकार किए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें