गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

corruption in mnrega

बाडमेर। नरेगा से आम आदमी को राहत मिले ना मिले, लेकिन बाडमेर जिले के अफसरों को राहत अवश्य मिल गई है। अतिरिक्त कार्यक्रम समन्वयक नरेगा एवं मुख्य कार्यकारी अघिकारी जिला परिषद ने नरेगा योजना के तहत पिछले वर्ष दो टन क्षमता के नौ एयर कण्डीशनर खरीदे हैं। यह खरीद राज्य सरकार की अनुमोदित दरों पर एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड, गे्रटर नोएडा से खरीदना बताया गया। नौ एयर कण्डीशनर पर करीब ढाई लाख रूपए से अघिक खर्च किए गए।

नरेगा के तहत खरीदे गए एयर कण्डीशनर की ठण्डी हवा मुख्य कार्यकारी अघिकारी के निजी सहायक तक को मिल रही है। इसके साथ ही सुविधाओं के नाम पर छह लाख रूपए का जनरेटर भी खरीदा गया। चार लाख रूपए केबल, पेनल व विद्युत कार्य पर खर्च किए गए। पिछले वर्ष खरीदा गया जनरेटर आ गया है, लेकिन अभी तक इसका उपयोग नहीं किया गया है। इस भारी भरकम जनरेटर से पूरे कलक्ट्रेट को जोडने की योजना है। यह अलग बात है कि कलेक्ट्रेट परिसर की बिजली कभी गुल नहीं होती।

फर्मो से खरीदे कम्प्यूटर
दौसा व टोंक की तरह बाडमेर जिले में भी नरेगा के तहत कम्प्यूटर सिस्टम की खरीद निर्माता कम्पनी की बजाय जयपुर व दिल्ली की फर्मो से की गई। प्रत्येक पंचायत समिति में करीब चार कम्प्यूटर सहित आठों पंचायत समितियों के लिए कुल तीस से अघिक कम्प्यूटर खरीदे गए। इन कम्प्यूटरों के अलावा कुछ लेपटॉप भी क्रय किए गए। कम्प्यूटर सिस्टम की खरीद के लिए टेण्डर प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इन्हेंज्राज्य सरकार की अनुमोदित दरों पर क्रय करना बताया गया है। कम्प्यूटर सिस्टम पर वेट का भुगतान भी किया गया है।

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