मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
misuse govt budgat by administrate of barmer
क्षेत्रीय विधायक मदन प्रजापत ने बताया कि बालोतरा में जिला कलेक्टर के भाई की निजी आवासीय कॉलोनी है। इस कॉलोनी तक सरकारी धन से सरकारी सुविधाएं पहुंचा कर जिला कलेक्टर ने अपने पद के प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं संबंधित मंत्री से मिल कर इसकी जांच की मांग रखूंगा। जितना भी सरकारी धन इस कॉलोनी के विकास में र्खच किया गया है, उसकी वसूली निजी कॉलोनी के मालिकों से कराने की बात रखूंगा।’
गौरतलब है कि औद्योगिक नगरी बालोतरा में निजी डवलपर्स की ओर से विकसित की जा रही एक कॉलोनी के दरवाजे तक बुनियादी सुविधाएं सरकारी खर्च से पहुंचाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जसोल फान्टे के पास विकसित इस कॉलोनी के पास ही नगरपालिका ने ‘आई डी एस एम टी योजना’ में एक कॉलोनी काटी है और यह सारी सुविधाएं इसी कॉलोनी के नाम पर निर्मित की गई हैं, जबकि इस कॉलोनी में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
जसोल फान्टे के पास विकसित इस कॉलोनी के आगे ही नगरपालिका की सरकारी कॉलोनी काटी गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारी के भाई की कॉलोनी को अनधिकृत तौर पर फायदा पहुंचाना था। पालिका ने सरकारी खर्चे से पक्की सडकें बना दी, वहीं कॉलोनी के पिछवाड़े जसोल रोड से टू लेन रोड बनाई गई है ताकि निजी कॉलोनी के भूखण्डों की दरों में सीधा लाभ मिले। पालिका ने ट्रांसपोर्ट नगर के नाम पर बीस लाख रूपए खर्च कर पाइपलाइन बिछा दी, जबकि ट्रांसपोर्ट नगर यहां से स्थानान्तरित हो चुका है।
अधिशासी अधिकारी मंगताराम जाट का कहना है, ‘पालिका ने निजी कॉलोनी को फायदा देने के उद्देश्य से सरकारी धन खर्च नहीं किया है, बल्कि पालिका की योजना को सफल बनाने के लिए खर्च किया है। इससे आसपास की कॉलोनियां विकसित होती हैं, तो यह विकास का हिस्सा है।’ इधर जिला कलेक्टर रवि जैन ने बताया कि निजी कॉलोनी काटने वालों में उनका भाई भी एक साझीदार है, लेकिन यह कॉलोनी उनके आने से पहले ही कन्वर्ट हो चुकी थी। नगरपालिका ने ‘आई डी एस एम टी योजना’ के तहत विकसित की है। इसका लाभ निजी कॉलोनी को नही दिया गया।
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