जयपुर।प्रदेश में मदरसों पर लटकी तलवार, आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की कवायद
जयपुर।सरकार मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोडने की कवायद में जुट गई है। इसको लेकर प्रदेश मदरसों के सर्वे में और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान मदरसा बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामला विभाग को रिपोर्ट सौंपी हैं। रिपोर्ट में 902 मदरसों पर तलवार लटकती नजर आ रही है।

दरअसल, भौतिक सत्यापन के दौरान 148 मदरसे मौके पर ही नहीं मिले। वहीं 507 मदरसों में छात्रों की संख्या शून्य मिली। 228 मदरसों में 20 से कम छात्र पाए गए। वहीं मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि कम संख्या वालें मदरसों को बंद किया जाएगा। जिन पर आपत्ति होगी उन मदरसों को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों को विश्वास में लिया जाएगा। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए समाजशास्त्रियों, शिक्षाविदों से राय मशविरा कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
बता दें कि राजस्थान में करीब 3800 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें से 2352 मदरसे सरकारी सहायता से चल रहे हैं। राजस्थान मदरसा बोर्ड की सर्वे रिपोर्ट के बाद 902 मदरसों पर लटकी तलवार। ऐसे मदरसे जिनमें पढ़ने वालों की संख्या सबसे कम हैं वे जयपुर में ज्यादा है।
जयपुर।सरकार मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोडने की कवायद में जुट गई है। इसको लेकर प्रदेश मदरसों के सर्वे में और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान मदरसा बोर्ड ने अल्पसंख्यक मामला विभाग को रिपोर्ट सौंपी हैं। रिपोर्ट में 902 मदरसों पर तलवार लटकती नजर आ रही है।

दरअसल, भौतिक सत्यापन के दौरान 148 मदरसे मौके पर ही नहीं मिले। वहीं 507 मदरसों में छात्रों की संख्या शून्य मिली। 228 मदरसों में 20 से कम छात्र पाए गए। वहीं मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा है कि कम संख्या वालें मदरसों को बंद किया जाएगा। जिन पर आपत्ति होगी उन मदरसों को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों को विश्वास में लिया जाएगा। मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए समाजशास्त्रियों, शिक्षाविदों से राय मशविरा कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
बता दें कि राजस्थान में करीब 3800 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें से 2352 मदरसे सरकारी सहायता से चल रहे हैं। राजस्थान मदरसा बोर्ड की सर्वे रिपोर्ट के बाद 902 मदरसों पर लटकी तलवार। ऐसे मदरसे जिनमें पढ़ने वालों की संख्या सबसे कम हैं वे जयपुर में ज्यादा है।
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