चित्तौड़गढ़। किन्नर करता था बच्चों से दुष्कर्म
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में बच्चों से बाल श्रम करवाने के मामले में पकड़ा गया किन्नर किन्नर ना होकर एक पुरुष निकला। आरोपी ना केवल बच्चों से काम करवाता था बल्कि उनका शारीरिक शोषण भी करता था। मामले के मीडिया में आने के बाद बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा ने स्वयं संज्ञान लेकर पूरे मामले की तह तक जाकर आरोपी द्वारा बच्चों के साथ दुष्कर्म करने का उजागर किया गया।

चित्तौड़गढ़ जिले के सदर थाना क्षेत्र में निवासरत कथित किन्नर नगमा उर्फ नजमा उर्फ गफ्फार को पुलिस ने बच्चों को नशे की लत लगाने संबंधी मामले में और बच्चों से काम करवाने के मामले में पुलिस ने दो दिन पूर्व गिरफ्तार किया था। इसके कब्जे से पांच बच्चों को भी बरामद किया गया था। गफ्फार के किन्नर होने पर लोगों ने आशंका जताई थी जिस पर पुलिस ने दबिश देकर गफ्फार को गिरफ्तार किया था। जिसका मेडिकल काॅलेज उदयपुर में करवाए जाने पर एक आश्यर्चजनक खुलासा हुआ जिसमें आरोपी किन्नर ना होकर पुरूष निकला।
वहीं गौरतलब है कि वर्ष 2003 में भी इसे अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में कोतवाली थाने में गिरफ्तार किया था। स्थानीय स्तर पर मेडिकल करवाए जाने पर इसकी पुष्टि नहीं हो पायी थी और उस समय किन्नर बना ये पुरूष पुलिस शिंकजे से बच निकला था। अभी भी पकड़े जाने के बाद पुलिस ने जेल भिजवा दिया।
बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा ने लिया संज्ञान
वहीं चित्तौड़गढ़ में एक शेलटर होम के निरिक्षण के दौरान जब मीडिया से बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा मनन चतुर्वेदी को इस पूरे मामले की सूचना मिली तो मनन चतुर्वेदी ने पुलिस के आलाधिकारियों से मामले की जानकारी ली। जिससे पुलिस कार्यवाही में अध्यक्षा को दम नजर नहीं आया। इस पर सीधे अध्यक्षा बाल संरक्षण गृह में रखे किन्नर से मुक्त कराए बच्चों से मिलने पहुंची और बच्चों से बातचीत की तो बच्चों ने बताया कि मारपीट के साथ ही उनका शारीरिक शोषण भी होता था। इस पर अध्यक्षा ने मामले में नाबालिग बच्चों के शारीरिक शोषण की धाराएं भी जोड़ने की बात पुलिस अधिकारियों से कही। मौके पर पुलिस ने बच्चों के बयान लिए और साथ ही सोल्यूशन सहित वाइटनर आदि से नशा करने वाले बच्चों को ढ़ूढ़ने का अभियान शुरू कर दिया। देर रात अन्य पांच बच्चों को भी ढूंढ़ निकाला और बाल कल्याण समिति में पहुंचाया।
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ में बच्चों से बाल श्रम करवाने के मामले में पकड़ा गया किन्नर किन्नर ना होकर एक पुरुष निकला। आरोपी ना केवल बच्चों से काम करवाता था बल्कि उनका शारीरिक शोषण भी करता था। मामले के मीडिया में आने के बाद बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा ने स्वयं संज्ञान लेकर पूरे मामले की तह तक जाकर आरोपी द्वारा बच्चों के साथ दुष्कर्म करने का उजागर किया गया।

चित्तौड़गढ़ जिले के सदर थाना क्षेत्र में निवासरत कथित किन्नर नगमा उर्फ नजमा उर्फ गफ्फार को पुलिस ने बच्चों को नशे की लत लगाने संबंधी मामले में और बच्चों से काम करवाने के मामले में पुलिस ने दो दिन पूर्व गिरफ्तार किया था। इसके कब्जे से पांच बच्चों को भी बरामद किया गया था। गफ्फार के किन्नर होने पर लोगों ने आशंका जताई थी जिस पर पुलिस ने दबिश देकर गफ्फार को गिरफ्तार किया था। जिसका मेडिकल काॅलेज उदयपुर में करवाए जाने पर एक आश्यर्चजनक खुलासा हुआ जिसमें आरोपी किन्नर ना होकर पुरूष निकला।
वहीं गौरतलब है कि वर्ष 2003 में भी इसे अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में कोतवाली थाने में गिरफ्तार किया था। स्थानीय स्तर पर मेडिकल करवाए जाने पर इसकी पुष्टि नहीं हो पायी थी और उस समय किन्नर बना ये पुरूष पुलिस शिंकजे से बच निकला था। अभी भी पकड़े जाने के बाद पुलिस ने जेल भिजवा दिया।
बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा ने लिया संज्ञान
वहीं चित्तौड़गढ़ में एक शेलटर होम के निरिक्षण के दौरान जब मीडिया से बाल कल्याण आयोग की अध्यक्षा मनन चतुर्वेदी को इस पूरे मामले की सूचना मिली तो मनन चतुर्वेदी ने पुलिस के आलाधिकारियों से मामले की जानकारी ली। जिससे पुलिस कार्यवाही में अध्यक्षा को दम नजर नहीं आया। इस पर सीधे अध्यक्षा बाल संरक्षण गृह में रखे किन्नर से मुक्त कराए बच्चों से मिलने पहुंची और बच्चों से बातचीत की तो बच्चों ने बताया कि मारपीट के साथ ही उनका शारीरिक शोषण भी होता था। इस पर अध्यक्षा ने मामले में नाबालिग बच्चों के शारीरिक शोषण की धाराएं भी जोड़ने की बात पुलिस अधिकारियों से कही। मौके पर पुलिस ने बच्चों के बयान लिए और साथ ही सोल्यूशन सहित वाइटनर आदि से नशा करने वाले बच्चों को ढ़ूढ़ने का अभियान शुरू कर दिया। देर रात अन्य पांच बच्चों को भी ढूंढ़ निकाला और बाल कल्याण समिति में पहुंचाया।
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