जालोर। चार साल की बच्ची को नशे की लत,लीवर में आई सुजन
जालोर। चार साल की बच्ची को ऐसी लत लगी कि परिजन दिन में कई बार सुंघनी ( तंबाकु मिश्रित नासका) सुंघाते हैं तभी बच्ची आंखे खोल पाती है।अब हालात यह हो गई है कि बच्ची का लीवर सूज गया है। धवला निवासी आशा देवी (बदला हुआ नाम) की बेटी प्रिया (बदला हुआ नाम) जालोर के सामान्य चिकित्सालय में लाई गई तो चिकित्सक हैरानी में पड़ गए।

दरअसल आशा का दस माह का बेटा सोहन (बदला हुआ नाम) अतिकुपोषित होने से यहा एमटीसी वार्ड में भर्ती है। महिला के साथ चार साल की बेटी प्रिया भी साथ आई थी। प्रिया का पेट फूला हुआ होने पर चिकित्सक ने उसकी हिस्ट्री जानी तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई। हाल फिलहाल बच्ची को शिशु वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
बालिका के हाथ में सुघनी की डिबिया थी। आशा देवी ने कहा की जब तक यह सुंघनी नही सुंघती है तब तक उसकी आंखे भी बराबर नहीं खुलती। सुंघनी नही मिलने पर वो गुस्सैल हो जाती है और रोने लगती है। खाना खाने के बाद व दिन में कई बार सुंघनी को सुंघना पडता है। जब उसे सूंघनी नहीं मिलती है तो खाना भी नहीं खाती और रोने लगती है।
मजाक ऐसे आफत बनी कि प्रिया एक साल की थी तो उसकी नानी उसे मजाक मजाक में सुंघनी सुंघाती थी। जब उसके घर होती थी तो बच्ची की चाची भी अक्सर सुंघनी सुंघाने की मजाक कर लेती थी। यह मजाक अब मासुम के लिए बाद में लत बन गई। हालांकि कल शाम को बच्ची के स्वास्थ्य मे सुधार होने पर अस्पताल से घर भेज दिया है वहीं डाक्टर ने नियमित चैकअप कराने की सलाह दी है।
जालोर। चार साल की बच्ची को ऐसी लत लगी कि परिजन दिन में कई बार सुंघनी ( तंबाकु मिश्रित नासका) सुंघाते हैं तभी बच्ची आंखे खोल पाती है।अब हालात यह हो गई है कि बच्ची का लीवर सूज गया है। धवला निवासी आशा देवी (बदला हुआ नाम) की बेटी प्रिया (बदला हुआ नाम) जालोर के सामान्य चिकित्सालय में लाई गई तो चिकित्सक हैरानी में पड़ गए।

दरअसल आशा का दस माह का बेटा सोहन (बदला हुआ नाम) अतिकुपोषित होने से यहा एमटीसी वार्ड में भर्ती है। महिला के साथ चार साल की बेटी प्रिया भी साथ आई थी। प्रिया का पेट फूला हुआ होने पर चिकित्सक ने उसकी हिस्ट्री जानी तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई। हाल फिलहाल बच्ची को शिशु वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
बालिका के हाथ में सुघनी की डिबिया थी। आशा देवी ने कहा की जब तक यह सुंघनी नही सुंघती है तब तक उसकी आंखे भी बराबर नहीं खुलती। सुंघनी नही मिलने पर वो गुस्सैल हो जाती है और रोने लगती है। खाना खाने के बाद व दिन में कई बार सुंघनी को सुंघना पडता है। जब उसे सूंघनी नहीं मिलती है तो खाना भी नहीं खाती और रोने लगती है।
मजाक ऐसे आफत बनी कि प्रिया एक साल की थी तो उसकी नानी उसे मजाक मजाक में सुंघनी सुंघाती थी। जब उसके घर होती थी तो बच्ची की चाची भी अक्सर सुंघनी सुंघाने की मजाक कर लेती थी। यह मजाक अब मासुम के लिए बाद में लत बन गई। हालांकि कल शाम को बच्ची के स्वास्थ्य मे सुधार होने पर अस्पताल से घर भेज दिया है वहीं डाक्टर ने नियमित चैकअप कराने की सलाह दी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें